THE BEST SIDE OF असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

The best Side of असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

The best Side of असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

Blog Article

कई औषधियां मिलाकर तरल पारे का बंधन करने के बाद बनता है पारद शिवलिंग

हवन की राख का क्या है धार्मिक महत्व ? क्या है इसके अन्य लाभ

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अर्जुन सिंह चंदेल ने बताया कि हिंदू धर्म की प्राचीन पुराणों में भी पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा समस्त दैहिक, दैविक एवं भौतिक महादुखों से मुक्ति दिलाने वाला है. कहा जाता है कि पारद शिवलिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देव विद्धमान रहते हैं.

आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न विष को पीकर भगवान शिव ने संसार को इसके विनाश से सुरक्षित रखा था। विष पीने से उनका कंठ नीला हो गया था, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। विष की पीड़ा से उत्पन्न दाह को शांत करने के लिए देवताओं और ऋषियों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया था तब से यह परंपरा आज भी जारी है। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक मानकर पूजा जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।

Mercury is thought to possess terrific therapeutic Homes and metaphysical Advantages. It is claimed to elevate consciousness and endorse spiritual growth. When used in the creation of thi terrified idol, these qualities are considered to amplify the blessings from the idol.

वोडाफ़ोनएयरटेलआइडियायाहूइंडियाटाइम्समनीकंट्रोल विश्वसनीय और मुहरें

कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती से रेप

इस शिवलिंग की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।।

शराब पर भारी टैक्‍स: चाणक्‍य ने द‍िया फार्मूला, अंग्रेजों ने अपनाया और आजाद भारत में भी सरकारों को लगती गई लत

इसकी नियमित पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है।

पारद एक तरल धातु है और जहरीला होता है। इसकी देखभाल थोड़ी जटिल होती है। पारद शिवलिंग को हमेशा बंद स्थान में ही रखना चाहिए। इसे छूते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चों की पहुँच से दूर रखना आवश्यक है। यदि आप इन सावधानियों का पालन नहीं कर सकते हैं, तो आप स्फटिक शिवलिंग को चुन सकते हैं, जो देखभाल में आसान होता है।

काही जण शिवपिंड ठेवतात आणि १२ तास बाहेर असतात पण घरातल्या here पिंडीवर साधे पाणी सुद्धा अर्पण करण्यासाठी त्यांना वेळ मिळत नाही. 

Report this page